Suvichar Aur Anmol Vachan
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Friday, 27 November 2015
Anmol Vachan
मैं चाहे ये करू मैं चाहे वो करू
कुछ अनमोल वचन -
रखने के लिए कोई चीज़ है तो - पैसा
फेकने के लिए कोई चीज़ है तो - थूक
लेने के लिए कोई चीज है तो - उधार ।
कहने के लिए कोई चीज़ है तो - झूठ ।
छोड़ने के लिए कोई चीज़ है तो - गैस।
जीतने के लिए कोई चीज़ है तो - चुनाव।
खाने के लिए कोई चीज है तो - खैनी।
पीने के कोई चीज है तो - दारु ।
कुछ अनमोल वचन -
रखने के लिए कोई चीज़ है तो - पैसा
फेकने के लिए कोई चीज़ है तो - थूक
लेने के लिए कोई चीज है तो - उधार ।
कहने के लिए कोई चीज़ है तो - झूठ ।
छोड़ने के लिए कोई चीज़ है तो - गैस।
जीतने के लिए कोई चीज़ है तो - चुनाव।
खाने के लिए कोई चीज है तो - खैनी।
पीने के कोई चीज है तो - दारु ।
Monday, 23 November 2015
Anmol Vachan
अनमोल वचन
1. इस तरह न कमायो की पाप हो जाये ।
2. इस तरह न खर्च करो की कर्जा हो जाये ।
3. इस तरह न खाओ की मर्ज हो जाये ।
4. इस तरह न बोलो की क्लेश हो जाये ।
5. इस तरह न चलो की देर को जाये ।
6. इस तरह न सोचो की चिंता हो जाये ।
1. इस तरह न कमायो की पाप हो जाये ।
2. इस तरह न खर्च करो की कर्जा हो जाये ।
3. इस तरह न खाओ की मर्ज हो जाये ।
4. इस तरह न बोलो की क्लेश हो जाये ।
5. इस तरह न चलो की देर को जाये ।
6. इस तरह न सोचो की चिंता हो जाये ।
Suvichar (धर्म के लक्षण )
धर्म के लक्षण
1. धारण के लिए कोई चीज़ है तो ................धैर्य
2. जो किसी का अपना नहीं है तो ................धन
3. जीतने के लिए कोई चीज़ है तो ...............मन
4. त्यागने के लिए कोई चीज़ है तो .............इर्ष्या
5. परखने के लिए कोई चीज़ है तो...............बुद्धि
6. संग्रह के लिए कोई चीज़ है तो.................विध्या
7. रखने के लिए कोई चीज़ है तो.................मान
8. सफलता के लिए कोई चीज़ है तो............परिश्रम
9. करने के लिए कोई चीज़ है तो.................सत्संग
10. मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है तो ...........आलस्य
11. सबसे बड़ा आभूषण है तो ..................मधुर वचन
1. धारण के लिए कोई चीज़ है तो ................धैर्य
2. जो किसी का अपना नहीं है तो ................धन
3. जीतने के लिए कोई चीज़ है तो ...............मन
4. त्यागने के लिए कोई चीज़ है तो .............इर्ष्या
5. परखने के लिए कोई चीज़ है तो...............बुद्धि
6. संग्रह के लिए कोई चीज़ है तो.................विध्या
7. रखने के लिए कोई चीज़ है तो.................मान
8. सफलता के लिए कोई चीज़ है तो............परिश्रम
9. करने के लिए कोई चीज़ है तो.................सत्संग
10. मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है तो ...........आलस्य
11. सबसे बड़ा आभूषण है तो ..................मधुर वचन
Anmol Vachan ( प्रेम )
अनमोल वचन
1. प्रेम बोला नहीं जा सकता, बताया नहीं जा सकता ,
दिखाया नहीं जा सकता , प्रेम तो चित से चित का अनुभव है
2. जो मुझे करना चाहिए , वह मुझे मालूम है
लेकिन वह में करता नहीं, और जो मुझे नहीं करना चाहिए,
वह भी मुझे मालूम है , लेकिन वही में करता हू
3. हमारी जितनी मानसिक और शारीरिक शक्तिया है ,
आत्म - विश्वास उन सबका सरदार है
4. न बोले ही जहा काम चलता हो , वहा बोलने की बात ही कहा,
जहा सुई से काम चलता हो , वहा तलवार पागल उठाते है
5. अपमानो का या तो टीक से बदला लेना चाहिए,
या उन्हें टीक से सहन करना चाहिए
1. प्रेम बोला नहीं जा सकता, बताया नहीं जा सकता ,
दिखाया नहीं जा सकता , प्रेम तो चित से चित का अनुभव है
2. जो मुझे करना चाहिए , वह मुझे मालूम है
लेकिन वह में करता नहीं, और जो मुझे नहीं करना चाहिए,
वह भी मुझे मालूम है , लेकिन वही में करता हू
3. हमारी जितनी मानसिक और शारीरिक शक्तिया है ,
आत्म - विश्वास उन सबका सरदार है
4. न बोले ही जहा काम चलता हो , वहा बोलने की बात ही कहा,
जहा सुई से काम चलता हो , वहा तलवार पागल उठाते है
5. अपमानो का या तो टीक से बदला लेना चाहिए,
या उन्हें टीक से सहन करना चाहिए
क्रोध (ANGER)
क्रोध (ANGER)
1. क्रोध में मनुष्य की आँखे बंद हो जाती है |
और जुबान खुल जाती है |
2. क्रोध करने का मतलब है |
दूसरो की गलतियो की सजा अपने को देना |
3. क्रोध में की गई सब बाते
अंत में उल्टी पड़ जाती है |
4. क्रोध सदैब मूर्खता से शुरू होती है |
तथा पशचाताप पर समाप्त होता है |
5. सुबह से शाम तक काम करके आदमी इतना नहीं थकता
जितना क्रोध में एक घंटे में थक जाता है |
6. मनुष्य क्रोध में समुद्र की तरह बहरा ,
आग की तरह उताबला हो जाता है |
7. क्रोध समझदारी को घर से बाहर निकाल देता है |
और दरबाजे पर चटकनी लगा देता है |
8. क्रोध तो बरैया के छते में |
पत्थर फेकने के समान है |
9. मोंन अंत की भाषा है |
10. मोंन सर्बोतम भाषा है |
अगर बोलना ही हो तो कम से कम बोलो
एक शब्द से काम चल जाय तो दो न बोलो |
11. क्रोध को प्रेम से , पाप को पुन्य से |
लोभ को दान से , असत्य को सत्य से जीत लो |
1. क्रोध में मनुष्य की आँखे बंद हो जाती है |
और जुबान खुल जाती है |
2. क्रोध करने का मतलब है |
दूसरो की गलतियो की सजा अपने को देना |
3. क्रोध में की गई सब बाते
अंत में उल्टी पड़ जाती है |
4. क्रोध सदैब मूर्खता से शुरू होती है |
तथा पशचाताप पर समाप्त होता है |
5. सुबह से शाम तक काम करके आदमी इतना नहीं थकता
जितना क्रोध में एक घंटे में थक जाता है |
6. मनुष्य क्रोध में समुद्र की तरह बहरा ,
आग की तरह उताबला हो जाता है |
7. क्रोध समझदारी को घर से बाहर निकाल देता है |
और दरबाजे पर चटकनी लगा देता है |
8. क्रोध तो बरैया के छते में |
पत्थर फेकने के समान है |
9. मोंन अंत की भाषा है |
10. मोंन सर्बोतम भाषा है |
अगर बोलना ही हो तो कम से कम बोलो
एक शब्द से काम चल जाय तो दो न बोलो |
11. क्रोध को प्रेम से , पाप को पुन्य से |
लोभ को दान से , असत्य को सत्य से जीत लो |
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